वेदों मे जो ईश्वर से ऊपर, शिष्य प्रकाश तो गुरु मशाल है। अज्ञानी को भी ज्ञानी कर दे, ऐसे ज्ञान के सागर की वो मिसाल है। प्रथम गुरु मात-पिता है...
वेदों मे जो ईश्वर से ऊपर,
शिष्य प्रकाश तो गुरु मशाल है।
अज्ञानी को भी ज्ञानी कर दे,
ऐसे ज्ञान के सागर की वो मिसाल है।
प्रथम गुरु मात-पिता है,
दुजे सबसे श्रेष्ठ अक्षर ज्ञान दाता।
ईश्वर हमारा भाग्य विधाता,
गुरु का ज्ञान ईश्वर से मिलाता।
सही गलत का जो मतलब बताता,
वही है हमारे गुरु परामर्शदाता।
भाग्य मे लिखा जो मोड दे,
ऐसे ज्ञान से जो हमे जोड दे
कम पड़ जाए सारी गुरु दक्षिणा
चाहे हम उनके चरणो में अपने प्राणदान दे।
✒ प्रांजुल कुमार
B.A hindi(hons) 3rd year
Bundelakhand University
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