सुबह बात होते ही दिन बन जाता है, - kashish ( best hindi shayari) सुबह बात होते ही दिन बन जाता है, मुलाक़ात होते ही दोपहर निकल जाती है । बात...
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सुबह बात होते ही दिन बन जाता है, - kashish ( best hindi shayari)
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सुबह बात होते ही दिन बन जाता है,
मुलाक़ात होते ही दोपहर निकल जाती है ।
बात होती है जब शाम को तो एहसास होता है पास होने का ,
यादों में खोते खोते पता नही चलता रातों का ।।
_kashish_
डीएसडब्ल्यू प्रो सुनील काबिया और adsw डॉ मुहम्मद नईम की पहल से विद्यार्थियों की कल्पनाशीलता और क्रियाशीलता को मिली नई उड़ान, समसामयिक मुद्दों पर लिख रहे युवा नई कविता
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