लखनऊ: जहाँ एक ओर सभी विश्वविद्यालयों में बायोमेट्रिक मशीनें लग चुकीं है, वही दूसरी और लखनऊ विश्वविद्यालय में अभी तक कोई हल चल नहीं है. जानक...
लखनऊ: जहाँ एक ओर सभी विश्वविद्यालयों में बायोमेट्रिक मशीनें लग चुकीं है, वही दूसरी और लखनऊ विश्वविद्यालय में अभी तक कोई हल चल नहीं है. जानकारी के लिए बता दे लखनऊ विश्वविद्यालय में नियमित व संविदा शिक्षकों व कर्मचारियों को मिलाकर करीब 1800 की संख्या है। अभी तक विश्वविद्यालय में बायोमीट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था नहीं है। कुलपति के निरीक्षण में कई बार शिक्षक व कर्मचारी मौके पर नहीं मिले थे। ऐसी परिस्थितियों में भी अगर राजभवन के आदेश का नजरंदाज किया जा रहा है, इसका क्या मतलब है?
बायोमीट्रिक उपस्थिति के लिए मशीन लगाने की समय सीमा 30 मई को समाप्त हो गई। लेकिन अभी तक मशीन खरीदने के लिए टेंडर भी नहीं हो पाया है। यह स्थिति तब है जबकि कुलपति ने 18 अप्रैल को कमेटी बनाकर स्थान चयनित करने के निर्देश थे। कमेटी ने दो दिन में अपनी रिपोर्ट भी दे दी। बावजूद इसके अभी तक टेंडर प्रक्रिया नहीं शुरू हो पाई है। अब विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि इसी सप्ताह मशीने खरीदने के लिए टेंडर हो जाएगा। 30 जून तक इसे लगाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
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