विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी University Grants Commission ने पीएचडी करने के लिए मास्टर्स की अनिवार्यता खत्म कर दी है हालांकि कुछ मायनों मे...
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी University Grants Commission ने पीएचडी करने के लिए मास्टर्स की अनिवार्यता खत्म कर दी है हालांकि कुछ मायनों में यह अभी भी कार्य करेगी। यूजीसी द्वारा Ph.D. प्रोग्राम के लिए जारी नई गाइडलाइंस के अनुसार अब 7.5 सीजीपीए (CGPA) के साथ 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट कोर्स करने वाले छात्र पीएचडी में एडमिशन ले सकेंगे। UGC ने पीएचडी डिग्री को लेकर हाल ही में नए रेगुलेशन जारी किए थे। जिसमें ऊपर बताए गए नियम का प्रावधान किया गया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 3 वर्षीय यूजी कोर्स करने वाले विद्यार्थी इस नए नियम का हिस्सा नहीं बन पाएंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार M.Phil. को खत्म करने की सिफारिश की गई है और इसके साथ ही 4 वर्षीय अंडरग्रेजुएट कोर्स शुरू करने की घोषणा की गई है। इन्हीं प्रावधानों को ध्यान में रखकर यूजीसी ने Ph.D. के नियमों में बदलाव किया है।
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