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जीडीपी में कृषि के योगदान प्रतिशत को बढ़ाने की आवश्यकता - प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय

झांसी। आज संपूर्ण विश्व आर्थिक संकट से संघर्ष कर रहा है। मनुफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर का जीडीपी में योगदान स्थिर हो गया है। ऐसे में कृषि क्...


झांसी। आज संपूर्ण विश्व आर्थिक संकट से संघर्ष कर रहा है। मनुफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर का जीडीपी में योगदान स्थिर हो गया है। ऐसे में कृषि क्षेत्र में शोध और तकनीक के माध्यम से जीडीपी में कृषि के योगदान को बढ़ाया जा सकता है। उक्त विचार बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने आईसीएआर-इंडियन ग्रासलैंड एंड फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के मध्य एमओयू के 5 वर्ष सफलतापूर्वक होने के संबंध में कहे। साथ ही दोनों संस्थानों के मध्य अगले 5 वर्षों के लिए पुनः अनुबंध पर अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए। प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने कहा की झांसी में ही कृषि शोध के शीर्ष संस्थानों के साथ मिलकर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का कृषि विभाग एवं यहां के छात्र लाभान्वित हो सकते हैं। कृषि विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर बी गंगवार ने बताया कि विगत 5 वर्षों से बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के अनेक छात्र एमएससी एवं पीएचडी के शोध कार्य इंडियन ग्रासलैंड एंड फॉडर रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ कर रहे हैं। कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों का आयोजन भी इस बीच किया गया है। भविष्य में दोनों संस्थानों के बीच पारस्परिक संबंधों को और अधिक बढ़ावा दिया जाएगा। इस अवसर पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनय कुमार सिंह, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के सहायक आचार्य डॉक्टर महिपत सिंह, इंडियन ग्रास लैंड एंड फॉडर रिसर्च इंस्टीट्यूट के डॉक्टर पुरुषोत्तम शर्मा एवं डॉ सुल्तान सिंह उपस्थित रहे।

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