बदलते परिवेश में ज्ञान और सूचना प्रबंधन के लिए तकनीकी रुझानों में क्षमता निर्माण पर राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन आज के कंप्यूटर, स्मार्ट...
बदलते परिवेश में ज्ञान और सूचना प्रबंधन के लिए तकनीकी रुझानों में क्षमता निर्माण पर राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन
आज के कंप्यूटर, स्मार्ट फ़ोन, इंटरनेट की दुनिया में हर समय हम साइबर के इस मकड़जाल से घिरे रहते है। इस साइबर की दुनिया के बुरे प्रभावों के बारे में हम खासकर नहीं जानते जिससे की अधिकतर लोग धोखा खा सकते है। हमे साइबर के नकारात्मक प्रभावों को जानने की आवशकता है.
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के डॉ एस आर रंगनाथन पुस्तकालय एवं सूचना विभाग के विषय बदलते परिवेश में ज्ञान और सूचना प्रबंधन के लिए तकनीकी रुझानों पर क्षमता निर्माण पर राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय, भोपाल (एनएलआईयू), के प्रो अतुल कुमार पांडे ने साइबर सुरक्षा, दुरुपयोग, जासूसी से प्रतिभागियों को अवगत करवाया । सिखाया किस प्रकार हम अपने महवपूर्ण डाटा को सुरक्षित करें । हम एआई, आईओटी, बिग डेटा के युग में रह रहे हैं, आपकी सभी गतिविधियां की निगरानी की जा सकती है।
एक अन्य सत्र में मंगलौर विश्वविद्यालय से आए डॉ उमेशा नाइक ने पुस्तकालय स्वचालन पुस्तकालयों की विशिष्ट प्रक्रियाओं को समझाया । पुस्तकालय ऑटोमेशन पुस्तकालय की प्रक्रियाओं का मैनुअल से कम्प्यूटरीकृत में रूपांतरण है, पुस्तकालय स्वचालन की प्रक्रिया प्रौद्योगिकियों में बड़ा परिवर्तन हो रहा है । ओपन सोर्स प्रोजेक्ट इस प्रकार के साफ्टवेयर विकास पर कार्य कर रहे हैं जिनमें पुस्तकालयों, डेवलपर्स और विक्रेताओं के एक अनूठे सहयोग के माध्यम से लाइब्रेरी सॉफ़्टवेयर की फिर से कल्पना की जा रही है। जहां पारंपरिक पुस्तकालय प्रबंधन प्रणाली के साथ साथ ऐप्स, सेवाओं एवं सॉफ्टवेयर का समागम किया जा रहा है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के डॉ शंकर बी चव्हाण ने बताया वेबसाइट डिजाइन बदल रहा है। जबकि कुछ स्थिरांक बने हुए हैं - जैसे कि प्रासंगिक, समय पर और आकर्षक सामग्री की आवश्यकता - अतिरिक्त तत्व जो वेबसाइट प्रभाव को बढ़ावा दे सकते हैं, लगातार उभरते हैं।,
इस मौके पर देश के विभिन्न प्रांतो से प्रतिभागी शामिल रहे। कार्यक्रम का समापन डॉ रूपेंद्र सिंह ने धन्यवाद प्रस्तुत किया इस मौके पर विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ ज्योति गुप्ता के साथ साथ विभाग के शोध छात्र छात्राये एवं विभाग में कार्यरत कर्मचारी श्री ज्ञानेंद्र स्वर्णकार और श्री राजकुमार उपस्थित रहे .
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