जब मैंने अपने पिता से एवं माता से उनकी गर्मियों की छुट्टियों के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने बताया, आज के समय में लगभग हर कोई अपने कार्...
जब मैंने अपने पिता से एवं माता से उनकी गर्मियों की छुट्टियों के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने बताया, आज के समय में लगभग हर कोई अपने कार्य में पूरी तरह से व्यस्त रहता है।
बिना किसी मनोरंजन और रुचि के वही दिनचर्या का पालन करना पड़ता है।मेरे पिता ने बताया कि जब उनकी गर्मियों की छुट्टियां हुआ करती थी।तो छुट्टियां होने के पहले ही वह अपने ननिहाल जाने की तैयारियां तेज कर देते थे और घर में एक ही सड़क लगाए रहते थे,कि इस बार हम मामा के यहां काफी दिन रहेंगे ।मेरे पापा जब मामा के यहां जाते थे। वहां पर वह आम के बगीचों में अपने दोस्तों के साथ चोरी चुप कर आम तोड़ते थे, एवं जब शाम का अंधेरा हो जाता था तो वह अपने दोस्तों के साथ लुका छुपी खेलते थे ।उन्होंने बताया गर्मियों की छुट्टियों में तालाब में नहाने में बड़ा मजा आता था और उन्होंने तैराकी भी अपने ननिहाल में ही सीखी है।वही मेरी माता ने बताया कि उस समय जब गर्मियों की छुट्टियां हो जाती थी।तो वह नई-नई चीजें सीखी थी। उन्होंने बताया सिलाई बुनाई इत्यादि उन्होंने सीखा है, उन्होंने बताया की गर्मियों की छुट्टियों में वह अपने घर में लगे आंगन में एक नीम के पेड़ से झूला डाल लेती थी और उसी पर वह झूला करती थी और परिवार के सभी बच्चे भी उनके साथ इस खेल में मगन रहते थे।साथ में उनके एक दूर के चाचा जो गांव से दूर रहते थे वह भी अपने संपूर्ण परिवार के साथ गांव आ जाया करते थे. कभी-कभी गांव में कुल्फी वाला भी आता था और उसकी आवाज सुनते ही बच्चे उसे घेर लेते थे। इसी के साथ-साथ तमाम अन्य जानकारियां भी मेरे माता पिता ने मुझसे साझा की ।
✒ ऋतिक पटेल
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