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अनुसंधान और नवाचार के लिए इच्छा शक्ति की आवश्यकता है -प्रो पी एस बिसेन, पूर्व कुलपति, जीवाजी विश्वविद्यालय

  झांसी।  बुंदेलखंड  विश्विधालय की इंस्टीटूशनल इनोवेशन कौंसिल एवं  पीएचडी सेल के संयुक्त  सहयोग से स्टार्टअप, विचार, टीम और निष्पादन में अनु...

 


झांसी। बुंदेलखंड  विश्विधालय की इंस्टीटूशनल इनोवेशन कौंसिल एवं  पीएचडी सेल के संयुक्त  सहयोग से स्टार्टअप, विचार, टीम और निष्पादन में अनुसंधान और नवाचार  पर प्रो पी एस बिसेन, पूर्व कुलपति, जीवाजी विश्वविद्यालय एवं मुख्य अनुसंधान और विकास, ट्रोपोलाइट फूड्स, ग्वालियर  ने  अपना व्याख्यान दिया।प्रो बिसेन ने अपना अनुभव को शोध छात्रों के साथ साझा किया। यदि आपके पास इच्छा शक्ति है तो आप किसी भी चीज को जीत सकते हैं। उन्होंने कहा कि आपकी डिग्री में कितने अंक या प्रतिशत कोई फर्क नहीं पड़ता।उन्होंने उद्यमियों के कई उदाहरणों को उद्धृत किया जिन्होंने अपनी पीएचडी पूरी करने के बाद अपना खुद का उद्योग शुरू किया है और वे सभी उच्चतम लक्ष्य प्राप्त करते हैं।  आप सभी को सैद्धांतिक ज्ञान के बावजूद एक व्यावहारिक दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। समय बदल गया है और हमें खुद को अपग्रेड करना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो एसपी सिंह, निदेशक अकादमी ने की। प्रोफेसर सिंह ने स्टार्टअप में नवाचार के उपयोग के बारे में बात की और कहा कि छात्र इसका कैसे लाभ उठा सकते है।प्रो अपर्णा राज, अध्यक्ष, संस्थागत नवाचार परिषद, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी ने कार्यक्रम संस्थागत नवाचार परिषद की गतिविधियों को साझा किया। साथी छात्रों द्वारा इसके  लाभ लेने के लिए कहा। । प्रोफेसर एम एम सिंह, डीन और निदेशक, आईईटी और सेक्ट्रेट्री इंस्टीट्यूशनल इनोवेशन काउंसिल ने बताया की बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना हो चुकी है जिसका की रजिस्ट्रेशन कंपनी एक्ट में हो गया है। शोधार्थि इस सेंटर का उपयोग कर अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते है। डॉ इरा तिवारी ने मंच का संचालन किया गया। डॉ ऋषि कुमार सक्सेना  कोर्स कोऑर्डिनेटर  ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।   इस कार्यक्रम में डॉ  सोनम सेठ, डॉ ऋतु सिंह एवं विभिन्न विभागों के शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे।

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