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बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में आयोजित संवाद कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री ने रखे अपने विचार

संस्कार, रोजगार और तकनीक से जुड़ी शिक्षा ही नई शिक्षा नीति का मूल आधार है- योगेंद्र उपाध्याय झांसी। वर्तमान नेतृत्व ने शिक्षा को लेकर अपने ल...

संस्कार, रोजगार और तकनीक से जुड़ी शिक्षा ही नई शिक्षा नीति का मूल आधार है- योगेंद्र उपाध्याय



झांसी। वर्तमान नेतृत्व ने शिक्षा को लेकर अपने लक्ष्य तय कर लिए हैं। भारत के गौरवशाली एवं संघर्षशील इतिहास के परिचय के साथ ही शिक्षा को समाजोपयोगी बनाना ही नई शिक्षा नीति का उद्देश्य है। उक्त विचार उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के गांधी सभागार में आयोजित ' विद्यार्थियों का समग्र विकास- वर्तमान शिक्षा परिवेश एवं शिक्षाविदों की भूमिका' विषय पर आयोजित संवाद में व्यक्त किए। उन्होंने कहा की संस्कार, रोजगार एवं तकनीक से जुड़ी शिक्षा ही नई शिक्षा नीति का मूल आधार है। उन्होंने कहा कि पूर्व में शिक्षा को सेवा की जगह व्यवसाय बना कर रख दिया गया। जिसका एकमात्र लक्ष्य छात्रों को अर्थ अर्जित करने सक्षम बनाना था। उन्होंने कहा ऐसी संस्कार विहीन शिक्षा छात्र को केवल आर्थिक पशु बनाने के अलावा कुछ नहीं कर सकती। उन्होंने पुरातन गुरु शिक्षा पद्धति का उल्लेख करते हुए कहा कि छात्र को दिशा देकर उसकी दशा बदलने वाला ही गुरु है। उच्च शिक्षा मंत्री ने विद्यार्थी परिषद एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया। ऐसे संगठनों के विमर्श का ही परिणाम है कि आज विद्यार्थी को समाजोपयोगी, मूल्यपरक एवं अंतिम व्यक्ति को लाभ प्रदान करने वाली नई शिक्षा नीति का कार्यान्वयन किया जा रहा है।



 उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा मेधावी छात्रों को स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह अनिल श्रीवास्तव ने मनुष्य निर्माण की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि परिवार और समाज के साथ शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारतीय संस्कृति की मनीषियों के समय से चली आ रही शिक्षा व्यक्ति निर्माण के साथ ही समाज निर्माण का भी कार्य करती थी। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के प्रकल्प हैं लेकिन मैकाले एवं पूर्व की सरकारों ने इसे मात्र धन कमाने वाला बना दिया। पिछले आठ-दस वर्षों में सकारात्मक बदलाव आए हैं। नई शिक्षा नीति मात्र  अर्थ अर्जन के स्थान पर संपूर्ण एवं बहुआयामी विकास पर केंद्रित है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडे ने उच्च शिक्षा मंत्री का स्वागत करते हुए कहा की एक सरल से निवेदन पर उनकी उपस्थिति से हम सभी अनुग्रहित हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय की विकास यात्रा, विश्वविद्यालय के अनेकों आयामों, उपलब्धियों, कार्यक्षेत्र, शोध के साथ ही नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया। इसके पूर्व एनसीसी  के छात्रों द्वारा शिक्षा मंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। स्वागत उद्बोधन में कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने उच्च शिक्षा मंत्री से आर्थिक अनुदान देने का अनुग्रह किया। आभार परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर एवं संचालन सहायक आचार्य अनुपम व्यास ने किया। इस अवसर पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी वसी मोहम्मद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत संगठन मंत्री अंशुल विद्यार्थी, झांसी सांसद अनुराग शर्मा के प्रतिनिधि अतुल अग्रवाल के साथ ही विश्व विद्यालय परिवार के सभी संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, समन्वयक, शिक्षक एवं अधिकारी, गैर शैक्षणिक कर्मचारी एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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