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खाद्य पदार्थों के लिए पैकेजिंग तैयार करने हेतु उधमिता की संभावनाओं पर सेमिनार

  झाँसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान एवं इंस्टीट्यूशनल इनोवेशन काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशा...

 


झाँसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान एवं इंस्टीट्यूशनल इनोवेशन काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य विषय खाद्य पदार्थों को डिब्बा बंद (Packaging) करने के लिए उद्यमिता की संभावनाओं एवं अंतरराष्ट्रीय परिवेश में पैकेजिंग की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालना था। कार्यक्रम का प्रारंभ करते हुए खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रो देवेंद्र कुमार भट्ट ने वर्तमान समय में खाद्य पदार्थों के लिए विभिन्न प्रकार की पैकेजिंग की उपलब्धता एवं उसके अनुसार आसानी से आवश्यकतानुसार खाद्य पदार्थों के उपलब्ध होने पर विचार व्यक्त किए। खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान के विभागाध्यक्ष प्रो शिवकुमार कटियार द्वारा वर्तमान परिपेक्ष में पैकेजिंग के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सफल किसान फूड प्रोडक्शन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अमित पांडे द्वारा ग्रामीण परिवेश में पैदा किए जा रहे विभिन्न कृषि उत्पादों एवं प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के लिए पैकेजिंग की आवश्यकताओं के बारे में बताया।उनके द्वारा बुंदेलखंड क्षेत्र में उत्पादित होने वाले विभिन्न खाद्य पदार्थों और उनकी पैकेजिंग से संबंधित समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय पैकेजिंग संस्थान मुंबई के निदेशक डॉक्टर तनवीर आलम ने वर्तमान में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैकेजिंग के क्षेत्र में हो रहे विकास के बारे में बताया।उन्होंने कहा कि आज की तारीख में पैकेजिंग हर क्षेत्र में प्रयोग किए जाने वाला सामान है और सबसे बड़ी इंडस्ट्री के रूप में कार्य कर रहा है। विभिन्न पदार्थों के लिए उनकी आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग पैकेजिंग मैटेरियल तैयार किए जा रहे हैं जिससे खाद्य पदार्थों की आयु बढ़ाने में सहयोग मिल रहा है एवं खाद्य पदार्थों की बर्बादी को रोका जा सका है।अच्छी गुणवत्ता के ताजे खाद्य पदार्थों को विभिन्न उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में पैकेजिंग का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है। आज नए नए उत्पादों के बाजार में आने से नई और आसान पैकेजिंग की आवश्यकता बढ़ती जा रही है ऐसी परिस्थिति में छोटे छोटे उद्यमों को नए विचारों के साथ लगाया जाना संभव है और इसमें बहुत सारे विकास की संभावना है। खाद्य प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाले छात्र छात्राओं को चाहिए कि वह इस क्षेत्र में अपना उद्यम स्थापित करने के लिए नए नए विचारों को सामने लायें और कार्य करें। इंस्ट्यूशन इन्नोवेशन काउंसिल की  अध्यक्ष प्रोफेसर अपर्णा राज ने कार्यक्रम में विभिन्न प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया एवं कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी पार्टिसिपेंट्स को भविष्य में भी इसी तरीके के कार्यक्रमों को कराए जाने का आश्वासन दिया गया। कार्यक्रम में डॉक्टर नूपुर गौतम, डॉक्टर नम्रता सिंह, डॉ प्रज्ञा,  प्रो आरके सैनी, डॉ सौरभ श्रीवास्तव, डॉक्टर शुभांगी निगम डॉक्टर रवि कुमार डॉक्टर इरा तिवारी सहित लगभग डेढ़ सौ लोगों ने प्रतिभाग किया.

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