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कलाविद स्व भगवान दास गुप्त की 90वीं जयंती पर आयोजित हुई गजेंद्र की एकल चित्रकला प्रदर्शनी

दो दिवसीय किन्नर आधारित चित्रकला प्रदर्शनी का समापन कलाविद स्व भगवान दास गुप्त की 90वीं जयंती पर आयोजित हुई गजेंद्र की एकल चित्रकला प्रदर्शन...

दो दिवसीय किन्नर आधारित चित्रकला प्रदर्शनी का समापन


कलाविद स्व भगवान दास गुप्त की 90वीं जयंती पर आयोजित हुई गजेंद्र की एकल चित्रकला प्रदर्शनी

झांसी। कलाविद स्व भगवान दास गुप्त के 90वें जयंती के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत स्व भगवान दास गुप्त कला एवं शैक्षणिक उत्थान समिति जबलपुर द्वारा राजकीय संग्रहालय झांसी में ख्यातिप्राप्त चित्रकार गजेंद्र सिंह की एकल चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस चित्रकला प्रदर्शनी में किन्नरों के जीवन पर आधारित विविध भावों को रंगों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। 

समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के दर्जाप्राप्त राज्य मंत्री एवं अंतरराष्ट्रीय बौद्ध केंद्र के अध्यक्ष डॉ हरगोविंद कुशवाहा ने कहा कि किन्नर हमेशा से समाज के उत्थान के विषय में सोचते रहें हैं। समाज पर कोई भी संकट आता है तो वह हमेशा आगे रहते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लॉक डाउन के समय उनके योगदान को देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज समय की जरूरत है कि उन्हें समाज में सही सम्मान मिले और लोग उन्हें स्वीकार करें। उन्होंने चित्रकार गजेंद्र सिंह को बधाई देते हुए कहा कि युवा पीढ़ी बहुत ही संजीदा तरीके से समाज को देख रही है। यह निश्चय ही समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होगा।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय सेवा योजना बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के समन्वयक एवं हिंदी विभाग के संस्थापक अध्यक्ष डॉ मुन्ना तिवारी ने कहा कि अब धीरे धीरे साहित्य में किन्नर विषय पर चर्चा शुरू हो गई है। कुछ कथाकारों ने कथा के माध्यम से किन्नरों की स्थिति को समाज के सामने रखा है। उन्होंने कहा कि मेरे जानकारी में यह पहला अवसर है जब किन्नरों को विषय बनाकर चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। उन्होंने आशा जताई कि यह छोटे छोटे प्रयास एक दिन निश्चय ही समाज में किन्नरों को स्वीकृति प्रदान करेंगे। 

ललितकला संस्थान की सहायक आचार्य एवं कला सोपान समिति झांसी की अध्यक्ष डॉ श्वेता पांडेय ने बताया कि गजेंद्र न केवल चित्रकला में बल्कि रंगोली और मेंहदी में भी बहुत ही अव्वल हैं। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक होने के नाते मुझे अपने विद्यार्थी पर बहुत गर्व है। 

चित्रकार गजेंद्र सिंह ने कहा कि रंगों और रेखाओं का संयोजन अपने शिक्षकों से सीखने के साथ ही मुझे यह विषय डॉ श्वेता पांडेय ने दिया। उन्होंने बताया कि बहुत से चित्रकार प्रकृति या अन्य विषयों पर चित्रण करते रहें हैं लेकिन समाज का यह एक हिस्सा हमेशा उपेक्षित रहा है। डॉ श्वेता पांडेय के मार्गदर्शन में किन्नरों पर काम करना शुरू किया और आज वह आप सबके सामने है।

कला प्रदर्शनी के संयोजक डॉ अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रतिवर्ष समिति द्वारा चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। समिति यह आयोजन देश के अलग अलग हिस्सों में करती है। इस अवसर पर............... उपस्थित रहे।

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