झाँसी| अगर बात करें बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय की तो यहाँ अधिकतम सुविधा मौजूद है, परन्तु छात्र जीवन और किसी विश्वविद्यालय की चार दिवारी में ...
आखिर क्या है स्वतंत्र अध्ययन केंद्र:
स्वतंत्र अध्ययन केंद्र का मतलब होता है, एक ऐसी जगह जहा छात्र अपनी खुद की किताबें व तकनीक का इस्तेमाल कर विश्वविद्यालय के अंदर बैठकर पढ़ सके, विश्वविद्यालय केवल इन केंद्रों में छात्रों को बिजली, पानी व वाईफाई एवं फर्नीचर आदि सुविधा देता है.
साथ में अनुशासन हेतु विश्वविद्यालय शिक्षकों व कर्मचारीयों को जिम्मेदारी देता है.
पुस्तकालय तो है, फिर क्यों अध्ययन केंद्र:
स्वाभाविक है आपके मन में इस प्रशन्न का आना, पर आपको ज्ञात होगा कि पुस्तकालय का मतलब होता है जो पुस्तकालय की किताबें के इलावा आप यहाँ अपनी निजी किताब लाकर नहीं पढ़ सकते हैं,
इस वजह से तमाम विश्वविद्यालय के छात्र जब वो विश्वविद्यालय के अंदर ही अपनी पढाई अपनी किताबों के साथ करना चाहते हैं तो उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पढता है.
और वो अपनी कक्षा में निर्धारित समय से ज्यादा बैठकर भी नहीं पढ़ सकते, क्योंकि वहाँ या तो अन्य कक्षायें चलतीं है एवं अन्य छात्र शिक्षक के जाने के बाद माहौल शांति प्रिय नहीं रहने देते.
ऐसे में तमाम प्रतियोगी छात्र इधर से उधर घुमते रहते हैं.
लघु एवं मध्यम वर्ग के छात्रों को मिलेगी राहत:
अध्ययन केंद्र स्थापित होने से ऐसे छात्र जो किराये के कमरों में या लघु एवं मध्यम वर्ग से आतें है, और उनके घरों और कमरों में अत्यधिक गर्मी का अत्याचार के कारण वो छात्र पढाई नही कर पाते या कठनाई का सामना करना पड़ता है,
एवं किराये से रह रहे छात्रों के सिर से बिजली के बिल में भी राहत मिलेगी एवं पढ़ाई हेतु उत्तम माहौल मिलेगा.
अब देखना यह होगा विश्वविद्यालय कब तक इन छात्रों के भविष्य को लेकर निर्णय लेता है.
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