Page Nav

HIDE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Breaking News:

latest

यूपी बजट 2022-23 पर डॉ. अतुल गोयल ने रखें अपने विचार, जरूर पढ़ें!

यूपी बजट 2022-23 प्रदेश सरकार के बजट में एक ट्रिलियन इकनामी और मिनिमम गवर्नेंस के सरकार के वायदे जैसा कुछ भी दिखाई नहीं देता है. ज़्यादातर स...

यूपी बजट 2022-23

प्रदेश सरकार के बजट में एक ट्रिलियन इकनामी और मिनिमम गवर्नेंस के सरकार के वायदे जैसा कुछ भी दिखाई नहीं देता है. ज़्यादातर समाचार पत्र भी इस बजट को 2024 का चुनावी बजट बता रहे हैं जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले प्रदेश सरकार को दो बार बजट और पेश कर देना है.


सरकार को इस समय लोक लुभावने बजट के बजाए प्रगतिशील बजट बनाना चाहिए था. मौजूदा बजट सरकार की आर्थिक मामलों में न समझी को प्रदर्शित करता है.


सरकार के द्वारा सुझाए गये अधिकांश खर्च हस्तांतरण भुगतान हैं. सरकार को इस समय बेरोज़गारी


और बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए बजट तैयार करना चाहिए था.


मौजूदा बजट आय की असमानता को दूर करने बाला तो है लेकिन यह महंगाई को और अधिक भड़का देगा एवं बेरोज़गारी को भी नियंत्रित नहीं कर सकेगा.


कुल मिलाकर उद्योग एवं व्यापार को बढ़ावा देने के लिए बजट में कोई भी प्रावधान नहीं है. जिस तरीक़े से सरकार उद्योग एवं व्यापार पर टैक्स बढ़ा रही थी उससे लग रहा था कि कोरोना और चुनाव समाप्त होने पर सरकार उद्योग को बड़ा बेल ऑउट पैकेज या नयी योजना की शुरुआत करेगी. 


सरकार ने महत्वाकांक्षी ग्रेटर नोएडा फ़िल्म सिटी के लिए भी कोई विशेष व्यवस्था नहीं की.


प्रदेश सरकार ने बताया है कि उद्योगों के विकास के लिए अगले पाँच वर्षों में 40000 करोड़ का निवेश लाया जाएगा लेकिन उसके लिए निवेशकों को क्या सुविधा दी जाएँगी उसका कहीं उल्लेख नहीं है.


मौजूदा बजट, आत्मनिर्भर भारत और स्टार्टअप बनाने में बाधक साबित होगा. कुल मिलाकर यही लगता है कि सरकार ने टैक्स का भार बढ़ाकर जो भी फंड तैयार किया है उसे अनुत्पादक कार्यों में लगा दिया. 


हालाँकि आम जनता को खुश होने लायक़ इस बजट में बहुत कुछ है लेकिन अर्थव्यवस्था के लिए  यह दवा या मरहम नहीं है.

डॉ. अतुल गोयल

सहायक आचार्य, अर्थशास्त्र 

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय , झाँसी


No comments