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महिला अध्ययन केंद्र बुंविवि द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

शिक्षा को संपूर्णता प्रदान करती हैं महिलाएं- किरण बाला चौधरी झांसी। उच्च शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं की संतोषजनक उपस्थिति से शिक्षा क्षेत्र ...

शिक्षा को संपूर्णता प्रदान करती हैं महिलाएं- किरण बाला चौधरी


झांसी। उच्च शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं की संतोषजनक उपस्थिति से शिक्षा क्षेत्र को संपूर्णता प्राप्त होती है। भारतीय इतिहास और संस्कृति में ऐसे अनेकों उदाहरण है जहां विदुषी महिलाओं ने अपने ज्ञान और कौशल से शैक्षिक जगत में एक नाम बनाया है। उक्त विचार उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त किरण बाला चौधरी ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र द्वारा कुलपति समिति कक्ष में 'उच्च शिक्षा में महिलाओं की सहभागिता' विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति तो ज्ञान की देवी को ही सरस्वती के रूप में देखती है। इसी से परिलक्षित होता है कि हमारे लिए शिक्षा में महिलाओं का स्थान कहां है। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने कहा कि विगत अनेक वर्षों से यह देखने में आ रहा है की स्कूली शिक्षा के 10वीं और 12वीं के बोर्ड में छात्राओं का उत्तीर्ण प्रतिशत एवं मेरिट में स्थान छात्रों के सापेक्ष में अधिक रहा है। निश्चित ही इससे छात्राओं की भागीदारी उच्च शिक्षा में बढ़ेगी। उच्च शैक्षणिक संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वह छात्राओं की शिक्षा के लिए उचित वातावरण का निर्माण करें। तभी उच्च शिक्षा शिक्षण क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि शिक्षा और ज्ञान का कोई लैंगिक संबंध नहीं है। विशिष्ट अतिथि एवं राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका डॉक्टर नीति शास्त्री ने कहा कि उच्च शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता का रास्ता स्कूली शिक्षा से होकर जाता है। अगर हमें उच्च शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाना है तो सर्वप्रथम हमें स्कूली शिक्षा की संरचना को इस प्रकार बनाना होगा कि हमारी लड़कियां निर्भीक निडर और आत्मविश्वास से भर कर अपनी शिक्षा प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र और राज्य सरकार का प्रयास इस दिशा में सराहनीय है। इसके पूर्व कुल सचिव विनय कुमार सिंह ने स्वागत उद्बोधन में विषय की प्रस्तावना प्रस्तुत की। आभार परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर ने एवं संचालन हिंदी विभाग की सहायक आचार्य डॉ अचला पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार के प्रो एसपी सिंह, प्रो सुनील कुमार काबिया, प्रो मुन्ना तिवारी, प्रो डीके भट्ट, डॉक्टर श्वेता पांडे, इंजीनियर अनुपम व्यास, अनिल बोहरे, अतुल खरे के साथ अनेक विभागों के विभागाध्यक्ष, समन्वयक एवं शिक्षक गण उपस्थित रहे।

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