माँ वो मुझे चॉकलेट के बहाने ले गया था फिर वो मुझे बंद कमरे मे ले गया बहुत सारे खिलौने दिखाऊँगा तुझे ये कहकर मेरे मन को लालच दे गया मुझे...
माँ वो मुझे चॉकलेट के बहाने ले गया था
फिर वो मुझे बंद कमरे मे ले गया
बहुत सारे खिलौने दिखाऊँगा तुझे
ये कहकर मेरे मन को लालच दे गया
मुझे ना समझ थी सही गलत की
पर उसने मेरे साथ कुछ गलत किया था
उम्र पाँच साल की थी कुछ समझ ना आ रहा था
पर उसके छूने से मुझे दर्द हो रहा था
उसने मेरे बालों को सहलाया था
बहुत बेदर्दी से मुझे गले लगाया था
फिरसे उसने मेरे जिस्म को छुआ था
फिर एक बार उसने मुझे दर्द दिया था
नोच लिया था मेरे जिस्म का हर एक हिस्सा
वो दर्द उसने मुझे बार बार दिया था
जो मुझे कुछ समझ ना आया था माँ
पर वो हर पल मेरे जिस्म से खेल रहा था
खिलौना बन गई थी उसके लिए मै
जिससे वह बार बार खेले जा रहा था
रूह मेरी भी काँप रही थी
जब वो हर बार नये नये दर्द दिये जा रहा था
बार बार उसका मुझसे लिपटना
मुझे पसंद ना आ रहा था
हर बार वो मेरे साथ यही किये जा रहा था
पहले उसने मुझे गोद मे खिलाया था
फिर अपने हवस का शिकार बनाया था
वो अकेला नही था माँ उसके साथी भी थे
जो बारी बारी से मेरे जिस्म से खेल रहे थे
इतना करके भी उनको चैन ना मिला था
फिर उन्होंने मेरे जिस्म को पथर से कुचला था
सुनसान जंगल मे मुझे फेक आये थे
मेरे कुचले जिस्म से भी वो फिरसे खेल आये थे
हस्ती खेलती राजकुमारी की जान को छीन लिया
हर बेटी के अंदर ये दर्द भरा खौंफ दे गया
Bhut Bdiya 👍👍👍
ReplyDelete