UPSC AIR 78 के साथ तस्वीर लेतीं छात्राएं • बुंदेलखंड की संपदा का बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने किया स्वागत • बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के छात्र छ...
• बुंदेलखंड की संपदा का बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने किया स्वागत• बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने संपदा त्रिवेदी से संवाद कर अपनी जिज्ञासाओं को किया शांत• संपदा मिश्रा के साथ सेल्फी लेने को लेकर उत्साहित दिखे छात्र-छात्राएं
झांसी। झांसी की संपदा त्रिवेदी ने यूपीएससी की परीक्षा में 79 रैंक हासिल कर झांसी के साथ ही बुंदेलखंड क्षेत्र को भी गौरव प्रदान किया है। इस शैक्षणिक उपलब्धि को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं के साथ बांटने के लिए कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडे ने संपदा त्रिवेदी को विश्वविद्यालय परिसर में आमंत्रित कर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। संपदा त्रिवेदी ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हर किसी के पास इतने रिसोर्स नहीं होते कि वह इस परीक्षा की तैयारी कर सके। लेकिन ऐसा भी नहीं है की कोचिंग या बाहर रहकर पढ़ाई करने से ही सफलता मिलती है। वर्तमान समय में यूपीएससी परीक्षा से संबंधित ऑनलाइन सामग्री भरी पड़ी है। लेकिन सीमित समय में हमारे लिए यह चुनौती रहती है कि हम क्या पढ़े, क्या ना पढ़ें। उन्होंने कहा कि कई बार इस परीक्षा में आपको असफलता भी मिलती है लेकिन उसे एक चुनौती के रूप में लेना चाहिए। हमारी तैयारी में क्या कमी रह गई है उस को ध्यान में रखकर सकारात्मक ऊर्जा के साथ नई शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने छात्रों को सफलता के मंत्र देते हुए कहा कि संपूर्ण में से चुनिंदा सामग्री का अध्ययन, अभ्यास, उत्तर लेखन, समाचार पत्रों का अध्ययन एवं तनाव को सकारात्मक ऊर्जा के सहारे दूर करने से सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। इस अवसर पर संपदा त्रिवेदी ने कई छात्रों के जिज्ञासु प्रश्नों का उत्तर दिया। बीटेक सेकंड ईयर की वर्तिका सिंह ने किस प्रकार अध्ययन सामग्री को याद रखा जाए इस संबंध में प्रश्न किया। बी टेक के ही नकुल शर्मा ने पढ़ाई के लिए कैसे मोटिवेट हो इस संबंध में अपनी जिज्ञासा जाहिर की। इसके साथ ही कई अन्य छात्रों ने भी उपयोगी प्रश्न किए। सभी प्रश्नों का यथोचित उत्तर संपदा त्रिवेदी द्वारा दिया गया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडे ने कहा कि आज का दिन बुंदेलखंड विश्वविद्यालय एवं छात्रों के लिए उत्साह और गौरव का दिन है। शिक्षा के लिए आए छात्रों के सामने सफलता उपस्थित है। और यह सफलता इस बात की भी परिचायक है की मेहनत और लगन से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्र का अपने जीवन में लक्ष्य रहता है कि वह इस प्रकार की परीक्षा में सफलता प्राप्त करें। और उसने भी प्रथम 100 रैंक के अंदर आना एक लाइफ टाइम अचीवमेंट है। उन्होंने कहा की मैं स्वयं भी कई बार इंटरव्यू सिलेक्शन बोर्ड का सदस्य रह चुका हूं। संपदा त्रिवेदी की सफलता कितनी बड़ी है इसको आप ऐसे जान सकते हैं कि उनके साथ ही कई ऐसे छात्र साक्षात्कार में होते हैं जो वर्तमान में आईएएस आईपीएस के रैंक पर कार्य कर रहे होते हैं। निश्चित ही ऐसी परीक्षाओं के लिए छात्र को अपने मस्तिष्क को 360 डिग्री एक्टिव रखना पड़ता है। उन्होंने कहा कि समर्पण, दृढ़ संकल्प, जिज्ञासा, समय प्रबंधन, धैर्य एवं साहस से ही ऐसे लक्ष्य प्राप्त किये जा सकते हैं। उन्होंने संपदा त्रिवेदी को शुभकामनाएं और आशीष देते हुए कहा कि वह आज निश्चित ही बुंदेलखंड के लिए एक ब्रांड है। और यह ब्रांड बुंदेलखंड के अनेकों छात्रों को प्रोत्साहित करेगा। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संजय श्रीहर्ष मिश्र,
राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना ने कहा कि पूर्व में उनका कार्यक्षेत्र झांसी रहा है। आज से कुछ वर्ष पूर्व शिक्षा के क्षेत्र में बुंदेलखंड की छवि सकारात्मक नहीं थी। लड़कियों के लिए पढ़ाई के अवसर कम एवं चुनौतियां ज्यादा थी। वर्तमान में देखने में आ रहा है की लड़कियों की शिक्षा का ग्राफ और परिणाम लगातार बेहतर हो रहा है। इस परंपरा का प्रत्यक्ष उदाहरण आज हमारे पास संपदा त्रिवेदी के रूप में है। पहले से स्थिति बेहतर हो रही है। बुंदेलखंड शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी और आशाजनक प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि यहां के शिक्षको के समक्ष चुनौती है कि वह ऐसे वातावरण का निर्माण करें जिससे यहां की प्रतिभा यहीं पर अध्ययन कर सफलता प्राप्त कर सके। उन्होंने संपदा त्रिवेदी के अभिभावकों को विशेष रूप से धन्यवाद ज्ञापित किया क्योंकि बिना परिवार के प्रोत्साहन के इतनी बड़ी सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती।संवाद सत्र के बाद छात्र-छात्राओं में संपदा त्रिवेदी के साथ सेल्फी लेने का उत्साह देखते ही बन रहा था। उन्होंने भी किसी छात्र को निराश नहीं किया। इस अवसर पर कुलसचिव विनय कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर के साथ ही विश्वविद्यालय के अनेक विभागों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, समन्वयक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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